जिंदगी जीने का मकसद खास होना चाहिए
और अपने आप पर विश्वास होना चाहिए
जीवन में खुशियों की कोई कमी नहीं होती
बस जीने का अंदाज़ होना चाहिए।” :):)
अक्सर वही लोग उठाते है हम पर उंगलिया,
जिनकी हमें छूने की औकात नहीं होती।।
गरीबी से उठा हूँ,गरीबी का
दर्द जानता हूँ,
आसमाँ से ज्यादा जमीं की
कद्र जानता हूँ।
लचीला पेड़ था जो झेल गयाआँधिया,
,मैं मगरूर दरख्तों का हश्र
जानता हूँ।
मजदूर से अफसर बनना
आसाँ नहीं होता
,जिन्दगी में कितना जरुरी है
सब्र जानता हूँ।
मेहनत बढ़ी तो किस्मत भी
बढ़ चली,
छालों में छिपी लकीरों का
असर जानता हूँ ।
कुछ पाया पर अपना कुछ
नहीं माना
,क्योंकि आखिरी ठिकाना मैं
अपनी कब्र जानता हूँ शुभ प्रभात दोस्तो
जो मन से हार नहीं मानता उसे दुनिया की कोई ताकत हरा नहीं सकती - शुभ राहत्री दोस्तो
मंज़िलें कितनी भी ऊंची क्यों न हों पर रास्ते हमेशा कदमों तले ही होते हैं -
: एक खूबसूरत सोच :
इस दुनिया में दो ही लोग किस्मत वाले हैं।
एक वो जिनका प्यार सच्चा निकलता है और दूसरे वो जिनका।
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तरबूज़ मीठा और लाल निकलता है
https://roz812.wordpress.com/page/7/
और अपने आप पर विश्वास होना चाहिए
जीवन में खुशियों की कोई कमी नहीं होती
बस जीने का अंदाज़ होना चाहिए।” :):)
अक्सर वही लोग उठाते है हम पर उंगलिया,
जिनकी हमें छूने की औकात नहीं होती।।
गरीबी से उठा हूँ,गरीबी का
दर्द जानता हूँ,
आसमाँ से ज्यादा जमीं की
कद्र जानता हूँ।
लचीला पेड़ था जो झेल गयाआँधिया,
,मैं मगरूर दरख्तों का हश्र
जानता हूँ।
मजदूर से अफसर बनना
आसाँ नहीं होता
,जिन्दगी में कितना जरुरी है
सब्र जानता हूँ।
मेहनत बढ़ी तो किस्मत भी
बढ़ चली,
छालों में छिपी लकीरों का
असर जानता हूँ ।
कुछ पाया पर अपना कुछ
नहीं माना
,क्योंकि आखिरी ठिकाना मैं
अपनी कब्र जानता हूँ शुभ प्रभात दोस्तो
जो मन से हार नहीं मानता उसे दुनिया की कोई ताकत हरा नहीं सकती - शुभ राहत्री दोस्तो
मंज़िलें कितनी भी ऊंची क्यों न हों पर रास्ते हमेशा कदमों तले ही होते हैं -
अगर कोई पूछे जिंदगी में क्या
खोया और क्या पाया, तो बेशक
कहना, जो कुछ खोया वो मेरी
नादानी थी और जो भी पाया वो
प्रभू की मेहेरबानी थी, खुबसूरत
रिश्ता है मेरा और भगवान के
बीच में, ज्यादा मैं मांगता नहीं
और कम वो देते नहीं...✍”॥
खोया और क्या पाया, तो बेशक
कहना, जो कुछ खोया वो मेरी
नादानी थी और जो भी पाया वो
प्रभू की मेहेरबानी थी, खुबसूरत
रिश्ता है मेरा और भगवान के
बीच में, ज्यादा मैं मांगता नहीं
और कम वो देते नहीं...✍”॥
जो लड़किया अर्धनंग्न कपड़े पहनती है उनके लिये मेरी ओर से समर्पित:- एक लड़की को उसके पिता ने iphone गिफ्ट किया.. दूसरे दिन उसको पुछा iphone मिलने के बाद सबसे पहले तुमने क्या किया? लड़की -मैंने स्क्रेच गार्ड और कवर का आर्डर दिया... पिता - तुम्हें ऐसा करने के लिये किसी ने बाध्य किया क्या? लड़की - नहीं किसी ने नहीं। पिता - तुम्हें ऐसा नही लगता कि तुमने iPhone निर्माता की तौहिन कीहैं? बेटी- नहीं बल्कि निर्माता ने स्वयं कवर व स्क्रेच गार्ड लगाने के लिये सलाह दी है... पिता - अच्छा तब तो iphone खुद ही दिखनेमे खराब दिखता होगा तभी तुमने उसके लिये कवर मंगवाया है? लड़की - नहीं.... बल्कि वो खराब ना हो ईसलिये कवर मंगवाया है..... पिता - कवर लगाने से उसकी सुन्दरता में कमी आई क्या? लड़की - नहीं ... इसके विपरीत कवर लगाने के बाद iPhone ज्यादा सुन्दर दिखता है... पिता नेबेटी की ओर स्नेह से देखते कहा....बेटी iPhone से भी ज्यादा किमती और सुन्दर तुम्हारा शरीर है .. उसके अंगों को कपड़ों से कवर करने पर उसकी सुन्दरता और निखरेगी... बेटी के पास पिता की इस बात का कोई जवाबनहीं...!! काश ये बात हर लड़की समझ पाती सेलफोंन की हिफाजत की बात करती है। पर खुद की हिफाजत के बारे में भूल जाती है। गर्ल्स की सोचना चाहिए की कवर किसी की वैल्यू की घटाता तो नही बल्कि सुरक्षा जरूर प्रदान करता है। अपने सभी दोस्तों सहेलियो तक इस मेसेज को जरूर पहुचाये । लडकिया कोई सामान नही है ।वह खुद भगवान् कीइतनी सुन्दर कृति है की उन्हें इस बात को सिद्ध करने की कोई जरूरत नही है। बाकी आप सभी खुद समझदार है। भारत की संस्कृति को नष्ट होने से बचाये ।।
मुश्किलो से भाग जाना आसान होता है,
हर पहलू ज़िंदगी का इम्तिहान होता है,
डरने वालो को मिलता नही कुछ ज़िंदगी मे,
लड़ने वालो क कदमो मे जहाँ होता है......
हर पहलू ज़िंदगी का इम्तिहान होता है,
डरने वालो को मिलता नही कुछ ज़िंदगी मे,
लड़ने वालो क कदमो मे जहाँ होता है......
"Hy my dear frnds I.m Vicky n its my heart tech line with mom.........
# पत्नी बार बार मां पर इल्जाम लगाए जा
रही थी और पति बार बार उसको अपनी हद में
रहने की कह रहा था
लेकिन पत्नी चुप होने का नाम ही नही ले
रही थी व् जोर जोर से चीख चीखकर कह रही
थी कि
"उसने अंगूठी टेबल पर ही रखी थी और तुम्हारे
और मेरे अलावा इस कमरें मे कोई नही आया
अंगूठी हो ना हो मां जी ने ही उठाई है।।
बात जब पति की बर्दाश्त के बाहर हो गई तो
उसने पत्नी के गाल पर एक जोरदार तमाचा दे
मारा
अभी तीन महीने पहले ही तो शादी हुई थी ।
पत्नी से तमाचा सहन नही हुआ
वह घर छोड़कर जाने लगी और जाते जाते पति
से एक सवाल पूछा कि तुमको अपनी मां पर
इतना विश्वास क्यूं है..??
तब पति ने जो जवाब दिया उस जवाब को
सुनकर दरवाजे के पीछे खड़ी मां ने सुना तो
उसका मन भर आया पति ने पत्नी को बताया
कि
"जब वह छोटा था तब उसके पिताजी गुजर गए
मां मोहल्ले के घरों मे झाडू पोछा लगाकर जो
कमा पाती थी उससे एक वक्त का खाना
आता था
मां एक थाली में मुझे परोसा देती थी और
खाली डिब्बे को ढककर रख देती थी और
कहती थी मेरी रोटियां इस डिब्बे में है
बेटा तू खा ले
मैं भी हमेशा आधी रोटी खाकर कह देता था
कि मां मेरा पेट भर गया है मुझे और नही
खाना है
मां ने मुझे मेरी झूठी आधी रोटी खाकर मुझे
पाला पोसा और बड़ा किया है
आज मैं दो रोटी कमाने लायक हो गया हूं
लेकिन यह कैसे भूल सकता हूं कि मां ने उम्र के
उस पड़ाव पर अपनी इच्छाओं को मारा है,
वह मां आज उम्र के इस पड़ाव पर किसी अंगूठी
की भूखी होगी ....
यह मैं सोच भी नही सकता
तुम तो तीन महीने से मेरे साथ हो
मैंने तो मां की तपस्या को पिछले पच्चीस
वर्षों से देखा है...
यह सुनकर मां की आंखों से छलक उठे वह समझ
नही पा रही थी कि बेटा उसकी आधी
रोटी का कर्ज चुका रहा है या वह बेटे की
आधी रोटी का कर्ज...
🏻ज़रूर पढे अच्छा लगे तो अपने मित्रो को फॉरवर्ड करें.......
From Vicky Bisht !!
# पत्नी बार बार मां पर इल्जाम लगाए जा
रही थी और पति बार बार उसको अपनी हद में
रहने की कह रहा था
लेकिन पत्नी चुप होने का नाम ही नही ले
रही थी व् जोर जोर से चीख चीखकर कह रही
थी कि
"उसने अंगूठी टेबल पर ही रखी थी और तुम्हारे
और मेरे अलावा इस कमरें मे कोई नही आया
अंगूठी हो ना हो मां जी ने ही उठाई है।।
बात जब पति की बर्दाश्त के बाहर हो गई तो
उसने पत्नी के गाल पर एक जोरदार तमाचा दे
मारा
अभी तीन महीने पहले ही तो शादी हुई थी ।
पत्नी से तमाचा सहन नही हुआ
वह घर छोड़कर जाने लगी और जाते जाते पति
से एक सवाल पूछा कि तुमको अपनी मां पर
इतना विश्वास क्यूं है..??
तब पति ने जो जवाब दिया उस जवाब को
सुनकर दरवाजे के पीछे खड़ी मां ने सुना तो
उसका मन भर आया पति ने पत्नी को बताया
कि
"जब वह छोटा था तब उसके पिताजी गुजर गए
मां मोहल्ले के घरों मे झाडू पोछा लगाकर जो
कमा पाती थी उससे एक वक्त का खाना
आता था
मां एक थाली में मुझे परोसा देती थी और
खाली डिब्बे को ढककर रख देती थी और
कहती थी मेरी रोटियां इस डिब्बे में है
बेटा तू खा ले
मैं भी हमेशा आधी रोटी खाकर कह देता था
कि मां मेरा पेट भर गया है मुझे और नही
खाना है
मां ने मुझे मेरी झूठी आधी रोटी खाकर मुझे
पाला पोसा और बड़ा किया है
आज मैं दो रोटी कमाने लायक हो गया हूं
लेकिन यह कैसे भूल सकता हूं कि मां ने उम्र के
उस पड़ाव पर अपनी इच्छाओं को मारा है,
वह मां आज उम्र के इस पड़ाव पर किसी अंगूठी
की भूखी होगी ....
यह मैं सोच भी नही सकता
तुम तो तीन महीने से मेरे साथ हो
मैंने तो मां की तपस्या को पिछले पच्चीस
वर्षों से देखा है...
यह सुनकर मां की आंखों से छलक उठे वह समझ
नही पा रही थी कि बेटा उसकी आधी
रोटी का कर्ज चुका रहा है या वह बेटे की
आधी रोटी का कर्ज...
🏻ज़रूर पढे अच्छा लगे तो अपने मित्रो को फॉरवर्ड करें.......
From Vicky Bisht !!
इस दुनिया में दो ही लोग किस्मत वाले हैं।
एक वो जिनका प्यार सच्चा निकलता है और दूसरे वो जिनका।
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तरबूज़ मीठा और लाल निकलता है
https://roz812.wordpress.com/page/7/
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